तेरे बीना
कटती जाये उमरीया,बालम तेरी यादमें,
बीता जाये जोबन पर आस ना जाये..
अखियों का सावन गालों पे बरसे,
भीगी जाये रैन पर प्यास ना जाये..
भुला चुके तुम वो ज़माने मोहोब्बत के
मुझसे तो भुलाई एक बात ना जाये..
चैनो सुकूनसे गुजरे सदियाँ जब तुम्हारी,
तनहाई मे मुझसे कटी एक रात ना जाये..
रूके रहे कदम आजभी तेरे दरपे,
ढल जाये दिन पर,अब वो शाम ना आये..
सिमटती जाये दिलमें, धड़कने दिनबादिन
होटों से फिरभी तेरा नाम ना जाये..
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