रोजी रोटी मैं ना चाहूं
मैं तो चाहूं संगम तेरा
मैं तो तेरी.ईई.. भैय्या
तू क्यों ना मेरा..
भैय्या$आआ$..भैय्या....
तू जो कटले प्यारसे, आरामसे रहजाऊं मैं,
लौटजा अपने गाँव में, क्यों डंडा लेके मारूं मैं,
(राजको कैसे समझाऊं मैं)
भैय्या$आआ$..भैय्या....
चाहे टॅक्सी हो या मच्छी सब तू ही चलाये,
कभी भेल कभी पैसा तू सबको खिलाये,
तू माल यहाँ का खाये
और प्यार यहाँ का पाए
फिर स्कूल क्यों बनाये यूपीमें जाके
भैय्या$आआ$..भैय्या....
तेरी थूंक से रंगे है मेरे रासते,
मेरे घर के भूके रहे तेरे आते,
केस जीत जीत हारूं, कबतक आसूं बहाऊं
स्टेट सेंट्रल सब हैं तेरे, मैं किसे ये अब सुनाऊं
ऊपर तक जुडे हैं तेरे सारे नाते...
भैय्या$आआ$..भैय्या....
सरकारभी तुझे भरभरके देता जाये,
तेरे ताकत की गवाही नेता दिखाये,
खिल जाये तेरा आंगन,
घर होजाये तेरा रोशन,
तेरी एक ही भूल की सजा हम कबतक उठाये,
भैय्या$आआ$..भैय्या....
रोजी रोटी मैं ना चाहूं
मैं तो चाहूं संगम तेरा
मैं ना जानू तूही जाने
मैं तो तेरी.ईई..
तू क्यों ना मेरा..
भैय्या$आआ$..भैय्या....
No comments:
Post a Comment