Intro..
[ यूं न जला अपने उल्फतमे ए साकी,
बिनबातोंकी सोहबतका न मतलब है बाकी,
तुटे दिलोको पनाह न दे,चाहे दर्द दे तनहाई का
पर मेरे इश्कको बेबजह नाम न दे बेवफाई का..]
Verse..
भुलादे वो कस्मे, वो वादे चंद वफाके,
छूडाले हमसे ये, दामन तेरे इश्क़का
उस चाहतकी, उस हसरतकी
इस आशिकीकी हर शक्सियत मिटादे
तुझसे दिल लगाने की एक आख़री सजा दे..
इकरारका जवाब इन्कारही सही
प्यारके बदले प्यार ना सही
प्यास बुझाने भरदे जहरही कोई,
पैमाना वो बस अपने हाथोंसे पिलादे
तुझसे दिल लगाने की एक आख़री सजा दे
जन्नत नसीब हो अब या दोजाखही कोई,
या नियामत हो फर्शका एक कतरा पाक कही,
तह्झीबसे एक मुट्ठी जमींसेही मिलादे
जीनेकी उम्मीद नही, बस मौतका हौसला दे
तुझसे दिल लगाने की एक आख़री सजा दे
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